दूध संकलन के बुनियादी ढांचे का सुदृढ़ीकरण
डेरी उद्योग की वृद्धि और विकास दूध संकलन प्रणालियों की मजबूती से गहराई से जुड़ा हुआ है । दूध संकलन प्रणाली में बिचौलियों द्वारा उत्पादकों के शोषण की संभावना समाप्त होनी आवश्यक है । इसके मुख्य उद्देश्य निम्नानुसार है:
- छोट दूध उत्पादकों को नई डेरी सहकारी समितियों/दूध उत्पादक कंपनियों के रूप में गठन के लिए उन्हें एकजुट करना और संस्थागत निर्माण करना
- दूध उत्पादकों एवं अन्य पदाधिकारियों को प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण
- दूध संकलन, चिलिंग एवं बल्किंग हेतु ग्राम स्तरीय बुनियादी ढांचे में निवेश
एनडीडीबी द्वारा क्रियान्वित ऑपरेश फ्लड कार्यक्रम तथा राष्ट्रीय डेयरी योजना चरण-। (एनडीपी-।) के अंतर्गत लाखों किसानों के सहयोग से सहकारिता के आधार पर कार्यरत दूध संकलन प्रणालियॉं का निर्माण करने तथा मजबूत करने में मदद मिली जिससे वे उदारीकरण के बाद प्रतिस्पर्धी तथा जीवंत बनी हुई हैं ।
एनडीडीबी निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से दूध संकलित करने की ग्राम आधारित दूध संकलन प्रणालियों को मजबूत बनाकर एवं उनका विस्तार करके ग्रामीण दूध उत्पादकों को संगठित दूध प्रसंस्करण क्षेत्र की व्यापक पहुंच उपलब्ध कराने पर ध्यान देती है । डेरी सहकारिताएं भारत के लाखों छोटे दूध उत्पादकों के समावेश एवं आजीविका के अवसरों की उपलब्धता सुनिश्चित करती हैं ।