राष्ट्रीय डेरी योजना-I

पशु प्रजनन से संबंधित देश के गायों और भैंसों के आनुवंशिक सुधार के लिए एनडीपी-I के अंतर्गत निम्नलिखित परियोजनाओं में सहयोग दिया गया:

  • संतान परीक्षण (पीटी) परियोजनाएं
  • वंशावली चयन (पीएस) परियोजनाएं
  • वीर्य स्टेशनों का सुदृढ़ीकरण
  • आयातित भ्रूण के माध्यम से सांड़ का उत्पादन
  • शुद्ध होल्स्टीन और जर्सी साँड़ो का आयात
  • जीनोमिक चयन

 

संतान परीक्षण परियोजना:

  • एनडीपी-I के तहत, 9 राज्यों के  12 अंतिम कार्यान्वयन एजेंसियों (ईआईए) को शामिल करते हुए 14 संतति परीक्षण परियोजनाएं लागू की गईं, जिनका कुल परिव्यय रु. 203.54 करोड़ था ।। इस कार्यक्रम के अंतर्गत शुद्ध होल्स्टीन फ्रीजियन, एचएफ संकर-नस्ल, जर्सी संकर-नस्ल और गिर पशु नस्लें शामिल थी, जबकि भैंसों में मुर्रा और महेसाणा नस्लें शामिल थीं ।
  • इन सभी 14 परियोजनाओं ने मिलकर 1830 युवा सांडों (1209 मवेशी और 796 भैंस) का मूल्यांकन किया, 40.53 लाख परीक्षण एआई (टेस्ट एआई) किए, जबकि 2.31 लाख पशुओं (बेटियों सहित) को मिल्क रिकॉर्डिंग (एमआर) में डाला गया।  परियोजना के अंत तक, पीटी परियोजनाओं ने मिलकर देश के विभिन्न वीर्य केंद्रों को वितरण के लिए 2185 एचजीएम सांड़ उपलब्ध कराए थे।

 

तालिका 1- पीटी परियोजनाओं के अंतर्गत उपलब्धियां

राज्य

गतिविधि

ईआईए का नाम

कुल परिव्यय (करोड़ रुपये में)

  परीक्षण किए गए सांड़

एआई परीक्षण (टेस्ट एआई) की स.

नामांकित एआई की सं.

गर्भाधान दर%

एमआर  में डाले गए पशुओं की सं.

पूर्ण एमआर किए गए पशुओं की सं.

उपलब्ध कराए गए एचजीएम सांड़ों की सं.

वितरित एचजीएम सांड़ों की सं.

कर्नाटक

पीटी- एचएफ शुद्ध

कर्नाटक दूध महासंघ

18.34

230

420322

2713

41.3

15359

6147

203

189

तमिलनाडु

पीटी - सीबी जर्सी

तमिलनाडु सहकारी दूध उत्पादक महासंघ लिमिटेड

34.09

325

679492

15571

43.9

55288

44717

271

271

गुजरात

पीटी- मुर्रा

साबरमती आश्रम गौशाला

13.42

121

310277

14755

41.7

15157

12680

217

209

गुजरात

पीटी- सीबी एचएफ

साबरमती आश्रम गौशाला

20.41

215

525571

9007

40.7

23039

22603

353

345

गुजरात

पीटी- गिर

साबरमती आश्रम गौशाला

13.30

14

39367

2178

42.1

5806

6699

111

96

गुजरात

पीटी – महेसाना

बनासकांठा दूध संघ

8.26

49

159347

2455

35.3

4787

6022

73

65

गुजरात

पीटी – महेसाना

महेसाणा दूध संघ

9.99

83

221279

2982

30.4

8841

9429

98

86

पंजाब

पीटी – मुर्रा

पंजाब पशुधन विकास बोर्ड

12.68

136

353405

28770

37.7

20373

16028

178

127

आंध्र प्रदेश

पीटी - सीबी जर्सी

आंध्र प्रदेश पशुधन विकास एजेंसी

14.72

154

299469

6955

42.5

13178

8445

142

108

उत्तर प्रदेश

पीटी – मुर्रा

पशु प्रजनन अनुसंधान संगठन

10.47

121

263161

12559

45.0

9961

5330

122

93

हरियाणा

पीटी- मुर्रा

हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड

16.47

172

371863

67883

39.0

30785

26775

195

166

उत्तराखंड

पीटी- सीबी एचएफ

उत्तराखंड पशुधन विकास बोर्ड

8.09

70

149853

3115

39.6

6025

4941

72

52

उत्तर प्रदेश

पीटी- सीबी एचएफ, यूपी

बीएआईएफ डेवलपमेंट रिसर्च फाउंडेशन

11.26

80

140418

5516

38.1

12065

10280

93

73

केरल

पीटी- सीबी एचएफ

केरल पशुधन विकास बोर्ड

12.03

60

119853

1823

36.7

10982

7623

57

53

कुल

203.54

1830

4053677

176282

 

231646

187719

2185

1933

 

 

वंशावली चयन परियोजना:

  • एनडीपी-I के अंतर्गत, कुल परिव्यय रु. 34॰19 करोड़ के साथ 5 राज्यों की 8 ईआईए में 9 वंशावली चयन परियोजनाओं को क्रियान्वित किया गया था । वंशावली चयन कार्यक्रम के अंतर्गत गाय की विभिन्न नस्लों में कांकरेज, हरियाना, राठी, थारपारकर व साहीवाल तथा भैंसों में जाफराबादी, पंढरपुरी और निली रावी शामिल है। 
  • इन सभी 9 परियोजनाओं ने मिलकर 346 क्रियाशील एआई केंद्रों के माध्यम से लगभग 3.50 लाख एआई निष्पादित किए । कुल 25979 पशुओं (पुत्रियों सहित) को दूध रिकार्डिंग के लिए रखा गया था। 
  • परियोजना के अंत तक, पी॰एस॰ परियोजनाओं ने मिलकर देश के विभिन्न वीर्य केंद्रों को वितरण के लिए 271 एचजीएम सांड़ उपलब्ध कराए थे।

तालिका 2. पीएस परियोजनाओं के अंतर्गत उपलब्धियां

राज्य

गतिविधि

ईआईए का नाम

कुल परिव्यय (करोड़ रुपये में)

क्रियाशील एआई केन्द्रो की संख्या

सामान्य एआई

नामांकित  एआई

गर्भाधान दर%

एमआर  में डाले गए पशुओं की सं.

पूर्ण एमआर किए गए पशुओं की सं.

उपलब्ध कराए गए एचजीएम सांड़

वितरित एचजीएम सांड़

गुजरात

पीएस- कांकरेज

बनासकांठा दूध संघ

4.03

75

56188

1060

46

2481

3675

49

48

गुजरात

पीएस- जाफराबादी

साबरमती आश्रम गौशाला

4.69

50

79701

5836

37.9

3098

2486

30

25

राजस्थान

पीएस- राठी

उरमूल ट्रस्ट

5.69

42

72287

2518

34.2

3507

2316

31

31

हरियाणा

पीएस- हरियाना

हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड

4.42

40

14783

4642

49.6

5141

4547

43

43

महाराष्ट्र

पीएस- पंढरपुरी

महाराष्ट्र पशुधन विकास बोर्ड

3.52

27

30728

2526

44.7

3290

2979

32

19

पंजाब

पीएस- नीली रावी

पंजाब पशुधन विकास बोर्ड

4.09

36

21814

7358

35.7

2572

2115

14

11

राजस्थान

पीएस- थारपारकर

राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड

2.42

27

26153

1133

44.6

1722

543

18

14

पंजाब

पीएस- साहीवाल

पंजाब पशुधन विकास बोर्ड

2.29

25

13086

2562

43.5

1104

878

28

23

राजस्थान

पीएस- साहीवाल

गंगानगर दूध संघ

3.04

24

35576

2046

46.6

3064

721

26

25

कुल

34.19

346

350316

29681

43

25979

20260

271

239

 

वीर्य केंद्र सुदृढ़ीकरण की परियोजनाएं:

  • कुल परिव्यय रु. 294.98 करोड़ के साथ एनडीपी-I के अंतर्गत 16 राज्यों के कुल 28 “ए” और “बी” श्रेणी के वीर्य केंद्रों का सुदृढ़ीकरण किया गया। 
  • इन परियोजनाओं के अंतर्गत, दैनिक नियमित गतिविधियों का प्रबंधन और इन्वेंट्री प्रबंधन करने के लिए सभी 28 वीर्य केंद्रों में वीर्य केंद्र प्रबंधन सॉफ्टवेयर (एसएसएमएस) का आरंभ किया गया था। इसके अलावा, देश के “ए” और “बी” श्रेणी के 5 और वीर्य केंद्रों को एसएसएमएस उपलब्ध कराए गए । 
  • 20 वीर्य केंद्रों को कंप्यूटर एडेड सीमन एनालाइजर (कासा) उपलब्ध कराया गया था और वस्तुनिष्ठ गुणवत्ता मूल्यांकन के लिए नियमित रूप से इसका उपयोग किया जा रहा है।

 

आयातित भ्रूण के माध्यम से सांड़ों का उत्पादन (बीपीटीआईई) :

  • एनडीपी-I के अंतर्गत एचएफ और जर्सी नस्लों के आयातित भ्रूणों से सांड़ बछड़ों के उत्पादन के लिए पांच उप परियोजनाओं को मंजूरी दी गई थी  । इस गतिविधि के लिए प्रतिभागी एजेंसियां (पीए) हैं: पीबीजीएसबी, हरिनघाटा, पश्चिम बंगाल; कालसी (देहरादून) यूएलडीडबी, उत्तराखंड; बायफ उरुलिकंचन, पुणे ; जेके ट्रस्ट, वडगांव रसाई, पुणे, महाराष्ट्र और  एसएजी, बीडज, गुजरात ।
  • एनडीपी I के अंतर्गत, कुल 835 आयातित भ्रूणों (324 एचएफ + 511 जर्सी) को पांच प्रतिभागी एजेंसियों (पीए) द्वारा भ्रूण स्थानांतरण किया गया था ।
  • कुल मिलाकर 35 प्रतिशत की गर्भावस्था दर हासिल की गई । परियोजना के अंत तक, इन भ्रूण प्रत्यारोपण से कुल 239 बछड़ों/बछड़ियों (130 नर और 109 मादाओं) का जन्म हुआ। विभिन्न वीर्य केंद्रों को कुल 95 नर बछड़े वितरण के लिए  उपलब्ध कराया गया था।

तालिका 3. बीपीटीआईई परियोजनाओं के अंतर्गत उपलब्धियां

विवरण

उपलब्धि

होल्स्टीन फीजियन

 

प्रत्यारोपित भ्रूण की संख्या

324

गर्भधारण की संख्या

122

गर्भाधान दर (%)

37.6

ब्यांत की संख्या

103

पैदा हुए नर बछड़ों की संख्या

57

वितरण के लिए उपलब्ध कराए गए नर बछड़ों की संख्या

42

जर्सी

 

प्रत्यारोपित भ्रूण की संख्या

511

गर्भधारण की संख्या

170

गर्भाधान दर (%)

33.3

ब्यांत की संख्या

136

पैदा हुए नर बछड़ों की संख्या

73

वितरण के लिए उपलब्ध कराए गए नर बछड़ों की संख्या

53

 

 

सांड़ों का आयात:

नए और श्रेष्ठ आनुवंशिकी को क्रियान्वित करने के लिए, एनडीपी-I के अंतर्गत क्रमशः 76 शुद्ध नस्ल के एचएफ और 95  शुद्ध नस्ल के जर्सी सांड़ों का आयात किया गया और उन्हें देश के विभिन्न "ए" और "बी" वर्गीकृत वीर्य केंद्रों को वितरित किया गया।

 

जीनोमिक चयन:

  • एनडीपी I की नवीन परियोजनाओं के अंतर्गत, साबरमती आश्रम गौशाला, बीडज (एसएजीबी) द्वारा एनडीडीबी की तकनीकी सहायता से “भारत में गाय की अनेक नस्लों के लिए जीनोमिक चयन पद्धति का विकास” परियोजना क्रियान्वित की गई थी। इस परियोजना के अंतर्गत, "इंडसचिप" - एनडीडीबी द्वारा विकसित ,एक विशेष मध्यम घनत्व चिप का उपयोग 9576 गायों की जीनोटाइपिंग के लिए किया गया था। गिर, एचएफ संकर नस्ल और जर्सी संकर नस्ल की गायों के लिए जीनोमिक प्रजनन मूल्य का आकलन करने की प्रक्रियाओं का मानकीकरण किया गया । तदनुसार, ग्राम  स्तर पर जीनोमिक प्रजनन मूल्य के आधार पर नर बछड़ों के चयन की शुरूआत की गई। 
  • उपर्युक्त के अलावा, एनडीपी I के अंतर्गत, एनडीडीबी ने भैंसों के लिए जीनोटाइपिंग माइक्रोएरे चिप का विकास और सत्यापन करने वाली परियोजना को क्रियान्वित करने हेतु पशु प्रजनन अनुसंधान संस्थान (एब्रो) को तकनीकी मार्गदर्शन भी प्रदान किया । नदीय भैंसों की डी नोवो हैप्लोटाइप फेज्ड जीनोम एसेंब्ली "एनडीडीबी_एब्रो_मुर्रा" पहली बार विकसित की गई थी। इसे भैंस जीनोमिक्स में मील का पत्थर माना जा सकता है। भारतीय भैंसों की आबादी में जीनोटाइपिंग के लिए उपयुक्त एक जीनोटाइपिंग चिप-"BUFFCHIP (बफचिप)" विकसित करने हेतु एकल न्यूक्लियोटाइड पॉलीमार्फिज्म (एसएनपी) की पहचान करने के लिए नदीय भैंसों और दलदल में रहने वाले भैंस की नौ नस्लों के 296 पशुओं की रि-सीक्वेंसिंग की गई। अब तक, 4992, मुर्रा और मेहसाना भैंसों को बफचिप का इस्तेमाल कर जीनोटाइप किया जा चुका है ।