'चारा बीज उत्पादन वृद्धि' के क्षेत्र में पहल
क. प्रजनक बीज (ब्रीडर सीड) का उत्पादन और डेरी सहकारिताओं को उनका आवंटन
चारा फसलों की उन्नत किस्मों के मूल्यांकन और समावेशन के लिए एनडीडीबी कृषि सहकारिता विभाग (डीएसी), कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के साथ समन्वय के लिए डेयरी सहकारी समितियों की ओर से नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता है।
इसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
-
चारा बीज उत्पादन संयंत्रों से प्रजनक बीज की मांग का दो वर्ष पूर्व संकलन और सीड-नेट वेबसाइट पर माँगपत्र देना ।
-
डीएसी प्रजनक बीज, एनडीडीबी को आवंटित करता है, जिसको मांग-पत्र के आधार पर चारा बीज उत्पादन संयंत्रों/एजेंसियों को पुनः आवंटित किया जाता है और समय पर बीज लेना सुनिश्चित किया जाता है ।
-
डेरी किसानों के लाभ के लिए सभी हितधारकों जैसे डेरी सहकारिताओं, डीएसी, आईसीएआर संस्थानों और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के साथ नेटवर्किंग करना ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बीज उत्पादन श्रृंखला में उन्नत क़िस्मों को ही प्रयोग में लाया जाये ।
यह गतिविधि खरीफ और रबी यह गतिविधि खरीफ और रबी सीजन के लिए अलग-अलग निष्पादित की जाती है। एक वर्ष में औसतन 15-20 मीट्रिक टन (MT) प्रजनक बीज का प्रयोग, बीज उत्पादन श्रृंखला में किया जाता है ।
ख. ‘राष्ट्रीय चारा बीज ग्रिड’ के माध्यम से चारा बीज का संवर्धन
इसके अंतर्गत, डेरी सहकारी महासंघों/दूध संघों की “चारा बीज प्रसंस्करण एवं विपणन इकाइयों” को उन्नत किस्मों के प्रजनक चारा बीजों की आपूर्ति की जाती है जिसे डेरी सहकारी समितियों द्वारा अपने नेटवर्क के माध्यम से बीज उत्पादकों/ किसानों के यहाँ बीज उत्पादन हेतु प्रयोग मे लाया जाता है।
एनडीडीबी इस प्रक्रिया में भी सक्रियता से भागीदारी करते हुये, इन संस्थाओं को कृषि जलवायु के आधार पर, उपयुक्त किस्मों के चयन व प्रासंगिक चारा बीज उत्पादन प्रौद्योगिकियों को अपनाने हेतु तकनीकी मार्गदर्शन देती है जिससे आधार/ प्रमाणित/ सत्यापित बीजों के उत्पादन को अधिकतम किया जा सके ।
एनडीडीबी ‘राष्ट्रीय चारा बीज ग्रिड’ के माध्यम से, 20 प्रतिशत से अधिक बीज प्रतिस्थापन दर (एसआरआर) प्राप्त करने के उद्देश्य से हितधारकों के बीच परस्पर विचार-विमर्श में सहयोग देकर इसका कुशल विपणन सुनिश्चित करती है।
ग. चारा बीज के उत्पादन और विपणन के लिए बुनियादी ढांचे का विकास
एनडीडीबी ने विभिन्न कृषि जलवायु वाले क्षेत्रों में ‘बीज प्रसंस्करण संयंत्रों’ की स्थापना के लिए डेरी सहकारिताओं को सहायता प्रदान की है। इस प्रकार के 17 संयंत्र स्थापित किए गए हैं। प्रत्येक वर्ष डेरी सहकारिताओं द्वारा लगभग 6000 से 7000 मीट्रिक टन चारा बीज उत्पादित कर उनका विपणन (मार्केटिंग) किया जाता है।