नस्ल का चयन (पी.एस.)

जब सांड़ों का चयन मात्र उनके माता पिता और दादा-दादी के प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है तो इस प्रक्रिया को वंशावली चयन कहा जाता है।

ऐसी स्थिति में जहां एक विशेष नस्ल के पशुओ की एक बड़ी संख्या प्रजनन क्षेत्र के कई गांवों में फैली हुई है और जहां संतान परीक्षण कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए सीमित या कोई बुनियादी ढांचा उपलब्ध नहीं है, वंशावली चयन उन विशेष नस्लों में अनुवंशिकी सुधार लाने के लिए उपयुक्त विकल्प प्रतीत होता है ।

सामान्यत: किसी भी आबादी में आनुवंशिक प्रगति लाने के लिए जो रणनीति अपनायी जाती है वह यह है कि उस क्षेत्र की पशु नस्ल वाले गांवों को दो श्रेणियों में विभाजित किया जाता है, एक गुणक गांव जहां लगभग 20-40 बेहतर श्रेणी वाले पशु हों तथा शेष को अन्य गांव के रूप में जहाँ उस नस्ल के पशु हैं। सबसे अच्छी आनुवंशिकी का उपयोग गुणक गांवों में सांड़ों के उत्पादन के लिए किया जाता है। इनमें से सर्वश्रेष्ठ का उपयोग गुणक गांवों में किया जाता है और अन्य का उपयोग बुनियादी जनसंख्या में किया जाता है। इस प्रकार, वंशावली चयन कार्यक्रम न केवल गुणक गांवों / झुंडों से अन्य गांवों / झुंडों में सर्वोत्तम आनुवंशिक सामग्री के प्रसार में मदद करता है, बल्कि यह परियोजना गांवों में कृत्रिम गर्भाधान (एआई) को लोकप्रिय बनाने में भी मदद करता है। वंशावली चयन कार्यक्रम के अंतर्गत निर्मित बुनियादी ढ़ांचा भविष्य में उन उपयोगी देशी नस्लों हेतु संतान परीक्षण कार्यक्रम को लागू करने के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।

 

वंशावली चयन