अनुसंधान और विकास
एनडीडीबी ने हैदराबाद में एक अत्याधुनिक अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला की स्थापना की है जो निम्नलिखित गतिविधियों के साथ पशु रोगों पर अनुसंधान और उनका निदान करती है:
I. गोवंशीय रोग की निगरानी:
• प्रमुख यौन संचारित रोगों अर्थात् संक्रामक गोवंशीय राइनोट्रेकाइटिस (आईबीआर), गोवंशीय ब्रूसेलोसिस, गोवंशीय वायरल डायरिया (बीवीडी), गोवंशीय जैनिटल कैम्पिलोबैक्टेरियोसिस (बीजीसी), ट्राइकोमोनासिस, गोवंशीय ट्यूबरकुलोसिस और जॉन रोग (जेडी) का अध्ययन ।
• थनैला रोग करने वाले बैक्टीरिया में एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) की पहचान करना ।
• गोवंशीय रोगों जैसे गोवंशीय एनाप्लाज्मोसिस और एंजोटिक गोवंशीय ल्यूकोसिस जैसे उभरते हुए आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण नए गोवंशीय रोगों का अध्ययन।
II. निदान और विकासात्मक अनुसंधान:
• नमूना संग्रह और परिवहन: क्षेत्रीय व्यवस्था के तहत गोवंशीय नैदानिक सैंपलों के परिवहन के लिए एफटीए कार्ड और विशेष फिल्टर पेपर कार्ड का उचित उपयोग करना।
• परीक्षण विधियों का मूल्यांकन: गायों और भैंसों में गोवंशीय ब्रूसेलोसिस और आईबीआर के निदान के लिए व्यावसायिक तौर पर उपलब्ध मानक एलिसा परीक्षणों का मूल्यांकन करना ।
• संक्रामक एजेंटों का लक्षण वर्णन करना: आणविक (जीनोटाइपिंग, सीक्वेंश टाइपिंग और संपूर्ण जीनोम सीक्वेंसिंग) और प्रमुख थनैला के फीनोटाइपिक (सब्सट्रेट उपयोगिता) लक्षण वर्णन जिससे भारत में विभिन्न भौगोलिक स्थानों से बैक्टीरियल एजेंट, ब्रूसेला, गोवंशीय हर्पीस वायरस उत्पन्न होते हैं।
• कैंडीडेट वैक्सीन स्ट्रेन: प्रमुख थनैला का लक्षण वर्णन जिससे बैक्टीरिया होता है और थनैला के लिए रोगनिरोधी वैक्सीन के विकास के लिए कैंडीडेट वैक्सीन स्ट्रेन का चयन किया जाता है।
• नए और उन्नत नैदानिक परीक्षणों का विकास:
• डुप्लेक्स क्यूपीसीआर: नैदानिक सैंपलों से ब्रूसेला और बोओएचवी-1 (आईबीआर) का एक साथ पता लगाने के लिए।
• ए1-ए2: गाय और भैंसों में ए1/ए2 β-कैसिन जीनोटाइप की पुष्टि के लिए एक सीक्वेंशिंग पर आधारित मानकीकृत प्रोटोकॉल।
• एफएमडी: खुरपका और मुंहपका रोग के वायरस एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी पर आधारित एलिसा का विकास।
• गोवंशीय टीबी: माइकोबैक्टीरियम टीवी और एम बोविस में भिन्नता का पता लगाने के लिए वास्तविक समय पीसीआर एस्से का विकास।
• गोवंशीय ब्रूसेलोसिस: गोवंशीय ब्रूसेलोसिस का पता लगाने के लिए वास्तविक समय पीसीआर एस्से का मानकीकरण।
• जॉन रोग: माइकोबैक्टीरियम एवियम उप-प्रजातियों पैराट्यूबरकुलोसिस (जॉन रोग के कारक एजेंट) के लिए वास्तविक समय पीसीआर ऐशे का मानकीकरण।
III. सहयोगात्मक अनुसंधान:
• अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: ब्रुसेलोसिस के बेहतर निदान के लिए एपीएचए, यूके द्वारा विकसित नए एंटीजन और नए युग के टीकों के साथ कंबाइन होने पर डीआईवीए (दिवा) की क्षमता का मूल्यांकन
• थनैला और एएमआर: भारत के भौगोलिक क्षेत्रों (राज्य कृषि/पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों सहित) में बैक्टीरिया और एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध के कारण होने वाले थनैला की निगरानी ।
IV. रोग का निदान
• एनडीडीबी की अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला नवीनतम गुणवत्ता मानकों - आईएसओ 9001:2015 और आईएसओ/आईईसी 17025:2017 के साथ मान्यता प्राप्त है ।
• अंतरराष्ट्रीय पीटी प्रदाताओं (ओआईई मान्यता प्राप्त संदर्भ प्रयोगशालाओं) द्वारा संचालित दक्षता परीक्षण (पीटी) कार्यक्रमों में भाग लेती है ।
• एनडीपी-I के अंतर्गत डीएएचएंडडी (DAH&D) द्वारा एनडीडीबी की अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला को रोगों की जांच और भारत में स्थानिक रोगों के लिए आयातित पशुओं की जांच के लिए केंद्रीय संदर्भ प्रयोगशाला के रूप में नामित किया गया है ।
• लगभग 19 रोगों के लिए देश भर में 60 से अधिक एजेंसियों को पशु रोग नैदानिक सुविधाएं प्रदान करती है और वीर्य की जीवाणु गुणवत्ता, सेक्स्ड सीमन की शुद्धता और ए1ए2 जीनोटाइपिंग का भी परीक्षण करती है ।
• बीमारियों की सूची और एनडीडीबी आरएंडडी में अन्य परीक्षणों के साथ किए जाने वाले अन्य परीक्षणों की जानकारी नीचे तालिका में दी गई है: