राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम)

परियोजना I: पीटी और पीएस परियोजनाओं का कार्यान्वयन

संतान परीक्षण और वंशावली चयन परियोजनाएं वैज्ञानिक परियोजनाएं हैं जिन्हें श्रेष्ठ आनुवंशिक गुण सांड़ों के उत्पादन और वीर्य उत्पादन के अंतर्गत सांड़ों  के परीक्षण के लिए एनडीपी-I के अंतर्गत क्रियान्वित किया गया था । ये परियोजनाएं दीर्घकालिक परियोजनाएं हैं और 10 वर्षों की प्रारंभिक अंतराल अवधि के बाद ही, इनका वास्तविक प्रभाव को महसूस किया जा सकता है। एनडीपी-I के अंतर्गत 2011-12 से 2018-19 के दौरान पीटी और पीएस परियोजनाएं लागू की गईं। ये परियोजनाएं देश के वीर्य केंद्रों में अधिकांश सांड़ की मांग के पूरा करने में सक्षम हैं। राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के अंतर्गत इन परियोजनाओं को सहयोग दिया गया ताकि वीर्य केंद्रों के लिए श्रेष्ठ आनुवंशिक गुण वाले सांडों की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।

एनडीडीबी द्वारा आरजीएम के अंतर्गत परियोजना को मंजूरी देने की तिथि

08 अगस्त 2019

परियोजना अवधि को मंजूरी दी गई

वित्त वर्ष 2019-20 से वित्त वर्ष 2023-24

कुल स्वीकृत राशि

28582.89 लाख रुपये

एनडीडीबी द्वारा डीएएचडीसे प्राप्त राशि (दिनांक 27.02.2019)

6000.00 लाख रुपये

एनडीडीबी द्वारा स्वीकृति पत्र जारी करने की तिथि

03-04 अक्तूबर 2019

कार्यान्वयन एजेंसी

दूध संघ, दूध महासंघ, एसएलडीबी और ट्रस्ट

 

वित्तीय परिव्यय:

क्रम सं.

विवरण

ब्यौरा

1

पीटी परियोजनाएं

 

 

स्वीकृत परियोजनाओं की संख्या

14

 

वित्तीय परिव्यय की स्वीकृत राशि

25151.82 लाख रुपये (5 वर्ष के लिए)

2

पीएस परियोजनाएं

 

 

स्वीकृत परियोजनाओं की संख्या

7

 

वित्तीय परिव्यय की स्वीकृत राशि

3431.07 लाख रुपये (5 वर्ष के लिए)

 

आंध्र प्रदेश

 

i.           

आंध्र प्रदेश पशुधन विकास  एजेंसी  (जर्सी संकर नस्ल) - संतान परीक्षण

 

विवरण

स्वीकृत वित्तीय बजट (लाख रुपये में)

19-20

20-21

21-22

22-23

23-24

कुल

एचजीएम सांड़ों की खरीद की जाएगी (सं.)

72

72

72

72

72

360

अनुदान सहायता राशि

378.14

346.02

353.3

368.49

373.97

1819.92

 

गुजरात

 

ii.साबरमती आश्रम गौशाला (मुर्रा) - संतान परीक्षण

विवरण

स्वीकृत वित्तीय बजट (लाख रुपये में)

19-20

20-21

21-22

22-23

23-24

कुल

एचजीएम सांड़ों की खरीद की जाएगी (सं.)

72

72

72

72

72

360

अनुदान सहायता राशि

566.84

504.59

502.54

500.99

502.54

2577.49

 

iii.साबरमती आश्रम गौशाला (एचएफसीबी) – संतान परीक्षण

विवरण

स्वीकृत वित्तीय बजट (लाख रुपये में)

19-20

20-21

21-22

22-23

23-24

कुल

एचजीएम सांड़ों की खरीद की जाएगी (सं.)

50

50

50

50

50

250

अनुदान सहायता राशि

447.75

415.36

430.97

440.09

455.09

2189.26

 

iv.साबरमती आश्रम गौशाला (गिर) - संतान परीक्षण

विवरण

स्वीकृत वित्तीय बजट (लाख रुपये में)

19-20

20-21

21-22

22-23

23-24

कुल

एचजीएम सांड़ों की खरीद की जाएगी (सं.)

81

81

81

81

81

405

अनुदान सहायता राशि

503.08

434.57

455.61

448.74

449.72

2291.72

 

v.साबरमती आश्रम गौशाला (जाफराबादी) - वंशावली चयन

विवरण

स्वीकृत वित्तीय बजट (लाख रुपये में)

19-20

20-21

21-22

22-23

23-24

कुल

एचजीएम सांड़ों की खरीद की जाएगी (सं.)

13

13

13

13

13

65

अनुदान सहायता राशि

101.74

94.22

95.29

96.36

98.25

485.86

 

VI.बनासकांठा दूध संघ (कांकरेज) - वंशावली चयन

विवरण

स्वीकृत वित्तीय बजट (लाख रुपये में)

19-20

20-21

21-22

22-23

23-24

कुल

एचजीएम सांड़ों की खरीद की जाएगी (सं.)

7

7

7

7

7

35

अनुदान सहायता राशि

105.58

104.95

107.81

106.14

107.8

532.28

 

VII.महेसाणा दूध संघ (महेसाणा) - संतान परीक्षण

विवरण

स्वीकृत वित्तीय बजट (लाख रुपये में)

19-20

20-21

21-22

22-23

23-24

कुल

एचजीएम सांड़ों की खरीद की जाएगी (सं.)

19

19

19

19

19

95

अनुदान सहायता राशि

252.85

216.87

222.08

219.86

220.45

1132.11

 

VIII.बनासकांठा दूध संघ (महेसाणा) - संतान परीक्षण

विवरण

स्वीकृत वित्तीय बजट (लाख रुपये में)

19-20

20-21

21-22

22-23

23-24

कुल

एचजीएम सांड़ों की खरीद की जाएगी (सं.)

19

19

19

19

19

95

अनुदान सहायता राशि

166.06

157.28

158.7

157.83

161.97

801.84

 

 

हरियाणा

IX.हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड (मुर्रा) - संतान परीक्षण

विवरण

स्वीकृत वित्तीय बजट (लाख रुपये में)

19-20

20-21

21-22

22-23

23-24

कुल

एचजीएम सांड़ों की खरीद की जाएगी (सं.)

108

108

108

108

108

540

अनुदान सहायता राशि

504.21

482.43

511.75

515.28

511.02

2524.68

 

X.हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड (हरियाणा) - वंशावली चयन

विवरण

स्वीकृत वित्तीय बजट (लाख रुपये में)

19-20

20-21

21-22

22-23

23-24

कुल

एचजीएम सांड़ों की खरीद की जाएगी (सं.)

14

14

14

14

14

70

अनुदान सहायता राशि

99.33

99.08

98.73

99.48

97.83

494.46

 


हिमाचल प्रदेश

XI.हिमाचल प्रदेश (जर्सी) - संतान परीक्षण

विवरण

स्वीकृत वित्तीय बजट (लाख रुपये में)

19-20

20-21

21-22

22-23

23-24

कुल

एचजीएम सांड़ों की खरीद की जाएगी (सं.)

0

13

13

13

13

52

अनुदान सहायता राशि

99.86

261.24

264.67

274.97

265.79

1166.54

 

 

महाराष्ट्र 

 

XII.महाराष्ट्र पशुधन विकास बोर्ड (पंढरपुरी) - वंशावली चयन

विवरण

स्वीकृत वित्तीय बजट (लाख रुपये में)

19-20

20-21

21-22

22-23

23-24

कुल

एचजीएम सांड़ों की खरीद की जाएगी (सं.)

10

10

10

10

10

50

अनुदान सहायता राशि

100.33

86.87

92.83

87.51

93.47

461.00

 

 

केरल

 

XIII.केरल पशुधन विकास बोर्ड (एचएफसीबी) – संतान परीक्षण

विवरण

स्वीकृत वित्तीय बजट (लाख रुपये में)

19-20

20-21

21-22

22-23

23-24

कुल

एचजीएम सांड़ों की खरीद की जाएगी (सं.)

36

36

36

36

36

180

अनुदान सहायता राशि

318.67

299.32

311.76

345.76

362.76

1638.27

 

 

पंजाब

 

XIV. पंजाब पशुधन विकास बोर्ड (मुर्रा) - संतान परीक्षण

विवरण

स्वीकृत वित्तीय बजट (लाख रुपये में)

19-20

20-21

21-22

22-23

23-24

कुल

एचजीएम सांड़ों की खरीद की जाएगी (सं.)

72

72

72

72

72

360

अनुदान सहायता राशि

498.77

478.28

468.06

463.92

440.12

2349.15

 

xv.पंजाब पशुधन विकास बोर्ड (निली रवि) - वंशावली चयन

विवरण

स्वीकृत वित्तीय बजट (लाख रुपये में)

19-20

20-21

21-22

22-23

23-24

कुल

एचजीएम सांड़ों की खरीद की जाएगी (सं.)

6

6

6

6

6

30

अनुदान सहायता राशि

112.89

98.89

103.69

103.1

105.15

523.72

 

xvi.पंजाब पशुधन विकास बोर्ड (साहीवाल) - संतान परीक्षण

विवरण

स्वीकृत वित्तीय बजट (लाख रुपये में)

19-20

20-21

21-22

22-23

23-24

कुल

एचजीएम सांड़ों की खरीद की जाएगी (सं.)

23

23

54

63

72

235

अनुदान सहायता राशि

251.69

248.36

252.28

267.86

282.04

1302.22

 

 

राजस्थान

 

xvii.राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड (थारपारकर) -वंशावली चयन

विवरण

स्वीकृत वित्तीय बजट (लाख रुपये में)

19-20

20-21

21-22

22-23

23-24

कुल

एचजीएम सांड़ों की खरीद की जाएगी (सं.)

25

25

25

25

25

125

अनुदान सहायता राशि

101.77

103.24

103.87

105.22

104.6

518.70

 

xviii.उरमूल ट्रस्ट (राठी) - वंशावली चयन

विवरण

स्वीकृत वित्तीय बजट (लाख रुपये में)

19-20

20-21

21-22

22-23

23-24

कुल

एचजीएम सांड़ों की खरीद की जाएगी (सं.)

6

6

6

6

6

30

अनुदान सहायता

83.21

80.52

84.02

81.75

85.55

415.06

 

xix.श्री गंगानगर दूध संघ (साहीवाल) - संतान परीक्षण

विवरण

स्वीकृत वित्तीय बजट (लाख रुपये में)

19-20

20-21

21-22

22-23

23-24

कुल

एचजीएम सांड़ों की खरीद की जाएगी (सं.)

23

23

54

63

72

235

अनुदान सहायता राशि

285.02

228.18

279.91

300.38

326.47

1419.96

 

 

तमिलनाडु

 

xx.तमिलनाडु सहकारी दूध उत्पादक महासंघ (जर्सी संकर नस्ल)- संतान परीक्षण

विवरण

स्वीकृत वित्तीय बजट (लाख रुपये में)

19-20

20-21

21-22

22-23

23-24

कुल

एचजीएम सांड़ों की खरीद की जाएगी (सं.)

45

45

45

45

45

225

अनुदान सहायता राशि

419.25

425.95

452.13

410.90

379.28

2087.51

 

 

उत्तर प्रदेश

 

xxi.पशु प्रजनन अनुसंधान संगठन (मुर्रा) - संतान परीक्षण

विवरण

स्वीकृत वित्तीय बजट (लाख रुपये में)

19-20

20-21

21-22

22-23

23-24

कुल

एचजीएम सांड़ों की खरीद की जाएगी (सं.)

72

72

72

72

72

360

अनुदान सहायता राशि

345.61

339.27

362.41

382.84

373.14

1803.28

 

 

 

परियोजना-II: एसएजी बीडज में राष्ट्रीय बोवाइन जीनोमिक्स सेंटर - आईबी

पारंपरिक संतति परीक्षण कार्यक्रम चयन की बहुत उच्च सटीकता प्रदान करते हैं। समशीतोष्ण मौसम में होल्स्टीन फ्रेज़ियन मवेशियों के मामले में सांड की उम्र जब लगभग 6-7 वर्ष होते हैं उसका सटीक प्रजनन मूल्य उपलब्ध हो पाता हैं । हमारे देश की गायों में भी 8-10 वर्ष में और भैंसों में 10-12 वर्ष के आसपास इसका पता चलता है। इस तरह के लंबे समय अंतराल के बाद, उपलब्ध चयन की सटीकता के माध्यम से प्राप्त लाभ निष्प्रभावी होते हैं। संतान परीक्षण के परिणाम उपलब्ध होने के बाद, वृद्धावस्था के दौरान प्रमाणित सांड़ों से वीर्य के उत्पादन करने की व्यावहारिक समस्याएं भी हैं। इसका समाधान करने के लिए एनडीडीबी ने संतान परीक्षण कार्यक्रम में यंग बुल मॉडल की शुरूआत की है। हालांकि, इस दृष्टिकोण से एआई सांड़ों के चयन की विश्वसनीयता 25 प्रतिशत तक हो सकती है। डेरी पशु प्रजनन कार्यक्रमों में, प्रजनक  जीनोमिक चयन से कम आयु में आनुवंशिक रूप से श्रेष्ठ पशुओं की पहचान कर सकते हैं । वास्तव में, जिन पशुओं का डीएनए परीक्षण किया गया है, वे यौन परिपक्वता से पहले सटीक जीईबीवी प्राप्त कर सकते हैं । भारत जैसे देश के लिए इस नई तकनीक की अपार संभावनाएं हैं, जहां बड़े पैमाने पर डाटा संकलन व्यापक रूप से व्यवस्थित नहीं है। जीनोमिक चयन के महत्व और संभावित लाभ को देखते हुए एनडीडीबी ने एसएजी के सहयोग से भारत में भारतीय गायों और भैंस नस्लों के लिए जीनोमिक चयन की पद्धतियों को विकसित करने के प्रयास किए हैं ।

परियोजना का कुल परिव्यय: 4506.00 लाख रुपए 

 

क्रम सं.

विवरण

भौतिक लक्ष्य

कुल

   

2018-19

2019-20

2020-21

2021-22

2022-23

2023-24

1

पीटी परियोजनाओं में दूध रिकार्डेड पशु

0

28000

28000

28000

28000

28000

140000

2

विभिन्न पीटी परियोजनाओं में संकलित सैंपलों की सं. तथा डीएनए आइसोलेशन

0

16800

16800

16800

16800

16800

84000

3

विशेष जीनोटाइपिंग

0

10080

10080

10080

10080

10080

50400

4

सांड़ों का एचडी जीनोटाइपिंग

0

400

400

400

400

400

2000

 

 

परियोजना-III: गोवंशीय जर्मप्लाज्म का आयात

एचएफ और जर्सी सांड़ों का आयात: वीर्य स्टेशनों में उपलब्ध एचएफ और जर्सी सांडों को आयातित एचएफ और जर्सी सांडों से बदलने के उद्देश्य से। 

साहीवाल, गिर और रेड सिंधी का आयात:  देशी डेरी पशु नस्लों जैसे गिर, साहीवाल और रेड सिंधी की बढ़ती मांग को पूरा करने और वीर्य उत्पादन केंद्रों में गिर, साहीवाल और रेड सिंधी नस्ल के श्रेष्ठ आनुवंशिक गुण वाले  सांड़ों की शीघ्र आपूर्ति करने के लिए गिर, साहीवाल और रेड सिंधी सांड़ों का आयात करने का प्रस्ताव है।

क्रम सं.

नस्ल

2019-20

2020-21

2021-22

1

एचएफ

125

125

125

2

जर्सी

125

125

 

3

गिर

 

125

125

4

साहीवाल

125

125

125

5

रेड सिंधी

30

 

 

 

कुल सांड़ /प्रस्तावित भ्रूणों का आयात

405

500

375

तीन वर्ष के लिए कुल परिव्यय: 7680.00 लाख रुपये

 

परियोजना-IV: एसएजी, बीडज में ईटीटी/आईवीएफ सुविधा का सुदृढ़ीकरण

इस परियोजना का उद्देश्य ईटी की सहायता से देशी नस्लों के श्रेष्ठ जर्मप्लाज्म का संरक्षण और प्रसार करना तथा एसएजी, बीडज की सांड़ उत्पादन इकाई के पशु झुंड में इसे लागू करना है । पैदा हुई मादा बछियों का उपयोग पशु झुंड के निर्माण के लिए किया जाएगा जबकि पैदा हुए नर बछड़ों को भविष्य के सांड़ों के प्रतिस्थापन के लिए वीर्य केंद्र में भेजा जाएगा और इस परियोजना में वर्तमान ईटी प्रयोगशाला और आईवीएफ की सुविधा का सुदृढ़ीकरण करने का प्रस्ताव है।

 

क्रम सं.

भ्रूण प्रत्यारोपण प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला/आईवीएफ

राज्य

मौजूदा लक्ष्य

संशोधित लक्ष्य

डोनरों की संख्या

जीवित भ्रूणों की संख्या

डोनरों की संख्या

समय

जीवित भ्रूणों की संख्या

1

ईटीटी/आईवीएफ केंद्र, एसएजी, बीडज

गुजरात

68

900

30

अप्रैल से सितंबर (2019-20)

286

30

अक्तूबर से मार्च (2019-20)

450

30

अप्रैल से मार्च (2020-21)

1500

30

अप्रैल से मार्च (2021-22)

1500

कुल

     

90

 

3736

तीन वर्ष के लिए कुल परिव्यय: 536.85 लाख रुपये

 

परियोजना-V: सीसीबीएफमें ईटीटी/आईवीएफ सुविधा की स्थापना/सुदृढ़ीकरण

भारत सरकार द्वारा विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं के अंतर्गत 1968 से 1976 के बीच देश के विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों में केंद्रीय पशु प्रजनन फार्म शुरू किए गए थे। उनका मुख्य उद्देश्य देश के महत्वपूर्ण देशी और विदेशी पशु नस्लों (होल्स्टीन फ्रीजियन और जर्सी) की श्रेष्ठ आनुवंशिक दक्षता वाला जर्मप्लाज्म उपलब्ध कराना था ताकि डेरी उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सके ।

सात केंद्रीय पशु प्रजनन फार्म (सीसीबीएफएस) अलमाढ़ी (तमिलनाडु), अंदेशनगर (उत्तर प्रदेश), चिपलिमा और सुनाबेड़ा (उड़ीसा), धम्रोड (गुजरात), हेसारघाटा (कर्नाटक) और सूरतगढ़ (राजस्थान) में स्थित हैं । ये सीसीबीएफ वैज्ञानिक ढंग से गायों और भैंसों के प्रजनन हेतु कार्यरत हैं जिनका उद्देश्य आनुवंशिक विकास कार्यक्रमों के लिए श्रेष्ठ वंशावली सांड़ों का उत्पादन करना है । इसके अलावा, ये फार्म किसानों और प्रजनकों को जागरूकता प्रशिक्षण भी उपलब्ध करा रहे हैं।

इन फार्मों में देशी और विदेशी नस्ल के मवेशियों के पशुओं का रख-रखाव किया जाता है जैसे थारपारकर, रेड सिंधी; विदेशी नस्लें जैसे जर्सी, होल्स्टीन फ्रीजियन और महत्वपूर्ण भैंस नस्लें जैसे मुर्रा, सुरती और जर्सी एक्स रेड सिंधी और होल्स्टीन फ्रीजियन एक्स थारपरकर के संकर नस्ल मवेशी। 

सात केंद्रीय पशु प्रजनन फार्मों का सुदृढ़ीकरण करने और उन्हें ईटीटी/आईवीएफ में बदलने तथा प्रशिक्षण केन्द्रों का विकास करने के लिए सीसीबीएफ में ईटीटी/आईवीएफ केन्द्रों की स्थापना/सुदृढ़ीकरण परियोजना को अनुमोदन प्रदान किया गया है।

विवरण

ब्यौरा

दो वर्ष के लिए कुल परिव्यय

9374.00 लाख रुपये

कार्यान्वयन एजेंसी

एनडीडीबी

 

परियोजना-VI: सेक्स्ड सॉर्डेड सीमन से एआई पर पायलेट परियोजना

डीएएचडी ने आरजीएम योजना के अंतर्गत पांच जिलों जैसे अमरेली (गुजरात), जोधपुर (राजस्थान), शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश), वाराणसी (उत्तर प्रदेश) और पूर्वी चंपारण (बिहार)  में देशी नस्ल के सेक्स्ड सॉर्टेड सीमन से कृत्रिम गर्भाधान पर एक पायलेय परियोजना के क्रियान्वयन के लिए एनडीडीबी को रु. 588.1875 लाख की धनराशि जारी की थी। देशी नस्लों के सेक्स्ड सीमन की प्रभावकारिता की जांच करने के लिए इस परियोजना में सेक्स्ड सॉर्टेड सीमन से कुल 12500 एआई किए गए थे।

 

परियोजना-VII: एनईआर राज्य में एआई प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना और एआई नेटवर्क की निगरानी

गुवाहाटी, असम में एआई प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना:

पूर्वोत्तर राज्यों के अधिकांश क्षेत्रों में स्थित एआई प्रशिक्षण केंद्र केन्द्रीय निगरानी इकाई द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं हैं। इन प्रशिक्षण केन्द्रों द्वारा आयोजित प्रशिक्षण भारत सरकार द्वारा निर्धारित एआई तकनीशियनों के प्रशिक्षण के एमएसपी (न्यूनतम मानक प्रोटोकॉल ) और एसओपी के अनुसार नहीं है। यह पाया गया है कि इस क्षेत्र में मान्यता प्राप्त एआई प्रशिक्षण संस्थान का अभाव इस क्षेत्र में कम एआई कवरेज का एक प्रमुख कारण है और इसलिए एनईआर राज्यों में श्रेष्ठ दक्षता वाले क्षेत्रीय मान्यता प्राप्त एआई प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना करने की तत्काल आवश्यकता है । चूंकि इन राज्यों के पास एआईटीआई चलाने के लिए विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं है, इसलिए एनडीडीबी से असम राज्य में एआई प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने का अनुरोध किया गया है। एएलडीए की ओर से असम राज्य में एनडीडीबी द्वारा एआई प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की जा रही है। 

विवरण

ब्यौरा

एआई प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना के लिए कुल परिव्यय

886.88 लाख रुपये

कार्यान्वयन एजेंसी

एएलडीए, असम

 

 

 एनईआर राज्यों में एआई डिलीवरी सिस्टम की निगरानी:

 

आरजीएम के अंतर्गत रु. 19207.2 लाख के परिव्यय के साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र में कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम के कार्यान्वयन पर एक परियोजना को मंजूरी दी गई है। एनडीडीबी से अनुरोध किया गया है कि वह पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) राज्य में एआई कार्यक्रम की निगरानी करे ताकि एआई कवरेज में सुधार किया जा सके। एआई से संबंधित सभी गतिविधियों को इनाफ डाटाबेस पर अपलोड किया जाएगा और एनईआर राज्यों में एआई डिलीवरी सिस्टम की निगरानी के लिए इनाफ प्रणाली का उपयोग किया जाएगा।