ऋण के नियम एवं शर्तें

वित्त पोषण प्रक्रिया - इस योजना के अंतर्गत वित्त पोषण ब्‍याज सहित ऋण के रूप में होगा :-

    • ऋण घटक – 80% (अधिकतम)
    • अंतिम ऋणी का योगदान - 20% (न्‍यूनतम)

ऋण की अवधि एवं ऋण स्‍थगन अवधि - ऋण की अवधि प्रथम निर्गमन की तारीख से अधिकतम 10 वर्षों की होगी जिसमें केवल मूल राशि के भुगतान पर अधिकतम 2 वर्षों की ऋण स्‍थगन अवधि शामिल है (ऋण स्‍थगन अवधि केवल परियोजना के लिए है न कि प्रत्‍येक निर्गमन के लिए) । 

ब्‍याज दर - अंतिम ऋणी के लिए ब्‍याज दर प्रतिवर्ष 6.5% (अथवा एनडीडीबी द्वारा समय-समय पर निर्धारित किया गया) होगा तथा पूरी भुगतान अवधि तक प्रभावित रहेगा । चक्रवृद्धि (Compounding) के बिना दैनिक गुणक के आधार (daily product basis) पर ब्‍याज की गणना की जाएगी ।

प्रतिबद्धता प्रभार - यदि तिमाही की समाप्ति पर संचयी संवितरण पूर्व स्‍वीकृत संचयी ड्रा- डाउन अनुसूची के 90% से कम है, तो अंतिम ऋणी को प्रतिवर्ष 2% (अथवा  एनडीडीबी द्वारा समय-समय पर सूचित दरों पर) का कामिटमेंट चार्ज, अनुमानित ड्रॉडाउन अनुसूची और वास्तविक वितरण के बीच संचयी अंतर पर लागू करों के साथ का भुगतान करना होगा । इसे अंतर राशि की वापसी तक अगली तिमाही के आरम्भ से लगाया जायेगा । (कृपया ध्यान दें कि, अंतिम ऋणियों द्वारा एनडीडीबी से प्राप्त की गई अग्रिम राशि (Imprest Advance) भी ड्रॉ-डाउन अनुसूची का हिस्सा होगी |)

ऋण हेतु प्रतिभूति व्‍यवस्‍था - अंतिम ऋणी को डीआईडीएफ के ऋण के प्रतिभूति/प्रतिपूर्ति के रूप में राज्‍य सरकार की गारंटी प्रदान करनी होगी । जहाँ अंतिम ऋणी के पास पर्याप्त संपार्श्विक प्रतिभूति (collateral security) हो, वहाँ राज्य सरकार की गारंटी की आवश्यकता उस स्थिति में हटाई जा सकती है | हालांकि, एनडीडीबी इन मामलों की जांच नाबार्ड के परामर्श से करेगी | 

ऋण स्वैपिंग (Loan Swapping) - जिन परियोजनायों का क्रियान्वयन हो रहा है, उनके लिए अन्‍य वित्‍तीय संस्‍थाओं से उपलब्‍ध ऋण को डीआईडीएफ योजना के अंतर्गत ऋण स्वैपिंग (swapping) के लिए विचार किया जा सकता है बशर्तें कि वो निम्‍नलिखित पूर्व – शर्तों को पूरा करें:

  • पात्र अंतिम ऋणी को संबंधित वित्‍तीय संस्‍था/ वित्त पोषण एजेंसियों से अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्‍त करना होगा ।
  • पात्र अंतिम ऋणी को डीआईडीएफ योजना के अंतर्गत निर्धारित सभी योग्‍यता मापदंड़ों को पूरा करना होगा ।
  • विचाराधीन परियोजना से संबंधित कोई मामला/प्रकरण न्‍यायालय में लंबित नहीं होना चाहिए ।
  • अनुमानित परियोजना लागत, खरीद प्रक्रियाएं एवं लाभप्रदता का पुनर्मूल्‍यांकन, डीआईडीएफ के नियमों एवं शर्तों के अनुरूप होगा 
  • राज्‍य सरकार की प्रतिभूति समेत पर्याप्‍त प्रतिभूमि मुहैया कराने हेतु पात्र अंतिम ऋणी की दक्षता का मूल्यांकन 

अन्य ऋण शर्तें

  • अंतिम ऋणी के लिए राज्‍य सरकार की गारंटी के आधार पर ऋण स्वीकृत किया जाएगा | एसपीएसआरसी को, अंतिम ऋणी की ओर से गारंटी प्रदान करने हेतु राज्य सरकार से प्रतिबद्धता पत्र प्राप्त करना होगा | जहाँ अंतिम ऋणी के पास पर्याप्त संपार्श्विक प्रतिभूति (collateral security) हो, वहाँ राज्य सरकार की गारंटी की आवश्यकता उस स्थिति में हटाई जा सकती है | हालांकि, एनडीडीबी इन मामलों की जांच नाबार्ड के परामर्श से करेगी |
  • अंतिम ऋणी को, निधि वितरित होने के तुरंत बाद ‘ऋण सेवा आरक्षित खाता’ (डीएसआरए) (Debt Service Reserve Account) बनाना होगा। अंतिम ऋणी को न्यूनतम 2 तिमाही ब्याज और मूल किस्तों के समक्ष डीएसआरए बनाए रखना होगा ।
  • इस योजना के अंतर्गत अंतिम ऋणी को, दक्षता और आउटपुट मापदंड में एनडीडीबी द्वारा निर्धारित लक्ष्य हासिल करना होगा ।
  • एनडीडीबी और अंतिम ऋणी द्वारा एक द्विपक्षीय समझौते (Bilateral Agreement) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे ।
  • डीआईडीएफ के अंतर्गत नाबार्ड के पक्ष में, एनडीडीबी को (राज्य सरकार की गारंटी, चल संपत्तियों का हाइपोथेकेशन,  देनदार (book debts), प्राप्तियाँ (receivables) इत्यादि) प्रतिभूतियों को निर्दिष्ट करने के लिए अंतिम ऋणी को सहमति देने हेतु स्वीकृति/कारण देना होगा |
  • इस योजना के अंतर्गत, एनडीडीबी द्वारा तीसरे पक्ष को प्रदान की जाने वाली गारंटी पर राज्य सरकार को कोई आपत्ति नहीं होगी ।
  • अंतिम ऋणी को सभी सप्लायर / ठेकेदारों के लिए पारदर्शिता अनुबंध पर हस्ताक्षर करना होगा |

 

 

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